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बुधवार, 21 सितंबर 2022

इन्दिरा रसोई योजना राजस्थान सरकार



►माननीय मुख्यमंत्री महोदय, राजस्थान सरकार ने कोई भूखा ना सोये के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढाते हुए दिनांक 18.09.2022 से प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में इन्दिरा रसोई योजना की शुरूआत की है।

►योजना का प्रमुख उद्देश्य जरूरतमंद व्यक्तियों को सस्ती दरों पर सम्मानपूर्वक बिठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय का शुद्ध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाना है।

►इन्दिरा रसोई की स्थापना हेतु जिला स्तरीय समिति द्वारा, नगर निकायों के सामुदायिक भवन, रेल्वे एवं बस स्टेशन, अस्पताल, मण्डी, चौकडी आदि अधिक जनसंख्या घनत्व वाले स्थानों पर नगर निकायों के आश्रय स्थलों, अम्बेडकर भवनों, सामुदायिक भवनों एवं एनजीओ के रिक्त भवनों में निषुल्क की गई है।

►योजनान्तर्गत 213 नगर निकायों में 358 स्थायी रसोईयों के संचालन हेतु जिलास्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति द्वारा सेवाभावी संस्थाओं/एनजीओ का चयन किया गया है, जिनके माध्यम से दोपहर एवं रात्रि  भोजन उपलब्ध करवाया जाकर योजना के दिषा निर्देषानुसार प्रतिदिन 1.34 लाख (4.87 करोड़ प्रतिवर्ष) से अधिक व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाएगा, जिस पर प्रथम वर्ष में 94.56 करोड रूपये तत्पश्चात आधारभूत व्यय की एकमुष्त राषि को कम करने के बाद प्रतिवर्ष लगभग रूपये 76.96 करोड का व्यय संभावित है।

►रसोईयों का निर्धारण - इन्दिरा रसोई योजनान्तर्गत 213 नगर निकायों में 358 स्थायी रसोईयों की स्थापना की गई है जिसमें नगर निगम क्षेत्रों में 87 रसोईयां (जयपुर-20, जोधपुर-16, कोटा-16, अजमेर-10, बीकानेर-10, उदयपुर-10 एवं भरतपुर-5), नगर परिषद क्षेत्रों में (कुल 34 नगर परिषद) में 3 रसोई प्रति नगर परिषद एवं प्रत्येक नगर पालिका क्षेत्र (कुल 169 नगर पालिका) में 01 रसोई प्रति नगर पालिका संचालित की जा रही है।

►खाने की संख्या - नगर निगम क्षेत्र में प्रति रसोई 300 थाली लंच एवं 300 थाली डिनर तथा नगर परिषद/नगर पालिका क्षेत्र में प्रति रसोई 150 थाली लंच एवं 150 थाली डिनर दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन राज्यस्तरीय समिति की अनुषंषा पर भोजन की संख्या में आवष्यकतानुसार वृद्धि की जा सकेगी।

►भोजन का मैन्यू - इन्दिरा रसोई योजनान्तर्गत भोजन में चपाती, दाल, सब्जी एवं अचार सम्मिलित किया गया है तथा स्थानीय समिति द्वारा आवष्यकतानुसार मैन्यू में स्थानीय स्वादानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा। भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार दिए जाने का प्रावधान है।

►लाभार्थी अंषदान - योजनान्तर्गत भोजन हेतु लाभार्थी से 8 रुपये प्रति थाली लिए जाने का प्रावधान है।

►अनुदान राषि - रसोई संचालक को भोजन वितरण पर राज्य सरकार द्वारा 12 रुपये प्रति थाली अनुदान के रूप में देय होगा।

►भोजन का समय - योजनान्तर्गत दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 से दोपहर 2:00 एवं रात्रिंकालीन भोजन सायं 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध कराने का प्रावधान है किन्तु जिलास्तरीय समिति द्वारा अपने स्तर पर अथवा सर्दी एवं गर्मी के मौसम में आवष्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा।

►डोनेषन - योजनान्तर्गत कोई भी दानदाता अपने परिजनों की वर्षगांठ जन्मदिन या अन्य किसी उपलक्ष्य में दोपहर/रात्रि अथवा दोनों समय का भोजन प्रायोजित कर सकते हैं। भोजन की लागत मूल्य का भुगतान प्रायोजक सम्बन्धित रसोई में जमा करवाकर निशुल्क भोजन करा सकता है। इस हेतु प्रायोजक को ऑनलाईन पोर्टल से जमा राषि की रसीद प्राप्त होगी एवं कूपन पर प्रायोजक का नाम अंकित होगा। साथ ही कोई भी दानदाता जिलास्तरीय मॉनिटरिंग समिति को भी दान दे सकता है।

►योजनान्तर्गत जिलास्तरीय समन्वय समिति की पूर्वानुमति से एक्सटेन्षन काउन्टर बनाकर भी भोजन वितरण किए जाने का प्रावधान है।

►योजना की आईटी मॉनिटरिंग हेतु सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा आईटी आधारित मॉनिटरिंग से प्रत्येक रसोई को जोड़ा जाएगा जिसके माध्यम से रसोई में स्थित सीसीटीवी कैमरे के लाईव फीड एवं वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग द्वारा रियल टाईम मॉनिटरिंग आदि का प्रावधान है।

►सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा योजना की ऑनलाईन मॉनिटरिंग एवं योजना से सम्बन्धित जानकारी आम आदमी को पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने एवं योजना के विभिन्न पक्षों का प्रभावी ढंग से विश्लेषण कर योजना को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु इन्दिरा रसोई वेब पोर्टल, वेबसाईट एवं मोबाईल एप्प विकसित किए गए हैं।

►प्रत्येक रसोई में डेस्कटॉप/कम्प्यूटर एवं कैमरा होगा जिससे लाभार्थी के रसोई में आगमन के समय कैमरे की मदद से फोटो खींचकर उसके नाम से भोजन हेतु कूपन जारी किये जाने का प्रावधान है। योजना में लाभार्थी की सूचना पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध होगी।

►योजनान्तर्गत रसोईयों द्वारा तैयार भोजन की गुणवत्ता एवं हाईजीन की नियमित रूप से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिले की नगर निकाय में नियुक्त खाद्य निरीक्षक द्वारा जाँच किए जाने का प्रावधान।

 

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